चंडीगढ़, 27 जून- जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा शिक्षा और उद्योग के बीच कौशल अंतर भरने के उद्देश्य से ‘इंडस्ट्री-अकेडमी कनवर्जेंस: ब्रिजिंग द स्किल गैप’ विषय पर एक सप्ताह के ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम टीईक्यूआईपी परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. दिनेश कुमार और उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू द्वारा किया गया।

अपने संबोधन में प्रो. दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों के कौशल विकास पर बल दिया तथा शैक्षिक संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए कौशल को आवश्यक बताया।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री. राज नेहरू ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी उद्योग का व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए ताकि वे विद्यार्थियों की कौशल संबंधी ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझ सके।

कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न कॉलेजों के अलावा चेन्नई, कानपुर, बनारस, लखनऊ और गाजय़िाबाद के शिक्षण संस्थानों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

इसी प्रकार जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के लिबरल आट्र्स एंड मीडिया स्टडीज विभाग द्वारा करियर काउंसलिंग सेल के सहयोग से करियर काउंसलिंग पर आयोजित चार दिवसीय वेबिनार श्रृंखला संपन्न हो गई।

इस में 80 से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
वेबिनार ने ‘एनीमेशन और मल्टीमीडिया टेक्नोलॉजी’ के क्षेत्र में करियर विकल्पों से विद्यार्थियों को अवगत करवाया गया और एनिमेशन उद्योग में अवसरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनीमेशन में डिग्री कोर्स करने वाले विद्यार्थी ग्राफिक डिज़ाइनर, 2डी और 3डी एनिमेटर, विजुअलाइजर, वेब डिज़ाइनर और कई तरह की नौकरी की भूमिका निभा सकते हैं।
वेबिनार में एनीमेशन का महत्व और युवा दिमाग पर वीडियो के प्रभावों को लेकर जानकारी दी गई।

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