पौधों के बिना जीवन की संकल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि पौधे हमारे जीवन का आधार है। ये शब्द खंड शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा ने इको क्लब खंड थानेसर के तत्वावधान में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहे।

संतोष शर्मा ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय थानेसर में आम्रपाली, अमरूद व चीकू के पौधे रोपित करते कहा कि पौधे प्रकृति का श्रृंगार है। प्रकृति रूपी ईश्वर की आराधना केवल पौधारोपण से ही हो सकती है। परन्तु आधुनिकतावाद की अंधी दौड़ ने प्रकृति रूपी ईश्वर के स्वरूप को विखंडित किया है जिसके फलस्वरूप सुनामी, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने मानव जीवन को प्रभावित किया है। वैश्विक महामारी कोरोना में ऑक्सीजन की कमी कहीं न कहीं प्रकृति की तरफ से हमें चेतावनी है कि अभी भी संभलने का समय है अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर जीवन सम्भव नहीं होगा। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि पौधारोपण कार्यक़म में बढ़ चढ़ कर भाग ले तथा प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन में अपना योगदान सुनिश्चित करें।

इकोक्लब खंड संयोजक थानेसर डॉ तरसेम कौशिक ने खंड शिक्षा अधिकारी का धन्यवाद करते हुए कहा कि आदिकाल से ही भारतवर्ष में पेड़ पौधों को पूजा जाता रहा है परंतु यह विडंबना ही है कि भारत में ही दिन प्रतिदिन पेड़ पौधे कम हो रहे हैं। पौधे प्रकृति की अमूल्य धरोहर है जो हमें प्राणवायु निस्वार्थ भाव से देते हैं। असिस्टेंट अनिल शर्मा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण को संरक्षित व संवर्धित करने के अपने जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए क्योंकि पेड़ पौधे भी ईश्वर का ही रूप हैं जो हमें प्राणवायु निस्वार्थ भाव से देते हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उनकी सुरक्षा भी करें।

इस अवसर पर असिस्टेंट अनिल शर्मा, इको क्लब खंड संयोजक डॉ तरसेम कौशिक, प्राध्यापक राजेश सैनी, लिपिक टिक्का सिंह, अंग्रेजी प्राध्यापक गौतम दत्त इत्यादि उपस्थित रहे।

By Editor

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