कुरुक्षेत्र, ( सुरेशपाल सिंहमार )    ।  राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा में विज्ञान संकाय के तत्वावधान में 16 सितंबर 2020 को विश्व ओजोन दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विद्यालय प्रभारी वीना गुप्ता, जीवविज्ञान प्राध्यापक डॉ तरसेम कौशिक तथा भौतिकी विज्ञान प्राध्यापिका डॉ सविता के मार्गदर्शन में विद्यालय की मैडिकल की छात्राओं मधु, खुशी, आरती, मुस्कान, भावना, महक व सुमन ने पोस्टर बनाकर जनजागरण अभियान चलाया।

विद्यालय प्रभारी वीना गुप्ता ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर एक ओर जहाँ विद्यालय के विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन के लिए भी विद्यार्थियों को डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। डॉ तरसेम कौशिक ने विद्यार्थियों को ओजोन परत की महत्ता बताते हुए कहा कि पृथ्वी पर जीवन की संकल्पना के लिए ऑक्सीजन के साथ साथ ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी ओजोन भी नितांत आवश्यक है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी

अवशोषित कर हमें सुरक्षा प्रदान करती है। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि इस वर्ष ओजोन दिवस 2020 का थीम “जीवन के लिए ओजोन: ओजोन परत संरक्षण के 35 साल” है जो हमें न केवल ओजोन की सार्थकता व उपयोगिता की तरफ इंगित करता है अपितु हमें यह भी संकेत करता है कि पृथ्वी पर जीवन की उपलब्धता व निरंतरता के लिए ओजोन परत का संरक्षण करना परमावश्यक है। उन्होंने बताया कि 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र व अन्य देशों ने ओजोन परत के संरक्षण व संवर्धन के लिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे जिसका उद्देश्य ओजोन परत की कमी के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन को कम करना था।

डॉ तरसेम कौशिक ने कहा कि हमें ओज़ोन परत को नष्ट करने वाले रसायनों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बंस, हलोगेन्टेड हाइड्रोकार्बन, मिथाइल ब्रोमाइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड के इस्तेमाल को पूर्णतः प्रतिबंधित करना होगा। हमें अपने दैनिक जीवन में उपयोगी उन सभी उत्पादों का इस्तेमाल भी बंद करना होगा जो क्लोरोफ्लोरोकार्बंस को वायुमंडल में छोड़ते हैं तभी हम ओजोन परत के संरक्षण व संवर्धन में अपना योगदान दे सकते हैं।

 

विकिरणों को

 

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