केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि यह सरकारी नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग सेक्टर में नौकरी के लिए अब एक साथ प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। खासतौर पर महिलाओं को अब बड़ी राहत महसूस होगी।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का आयोजन करेगी। अभी सिर्फ तीन एजेंसी की परीक्षा को कॉमन बनाया जा रहा है, आने वाले समय में सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित होगा। सीईटी मेरिट लिस्ट तीन साल के लिए मान्य रहेगी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। इस प्रक्रिया के लागू होने से भर्ती, चयन प्रक्रिया और नौकरी मिलना भी आसान हो जाएगा। केंद्र सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते वक्त सरकारी नौकरियों के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाने के प्रस्ताव की घोषणा की थी।
यह कंप्यूटर बेस्ड ऑनलाइन परीक्षा होगी। देश के हर जिले में इसके लिए एक सेंटर बनेगा। सरकारी नौकरी के लिए दो वर्ष तक चलने वाली चयन प्रक्रिया अब कुछ ही महीने में पूरी होगी। एक साथ ढाई करोड़ युवा सरकारी नौकरी की परीक्षा दे सकेंगे। यह परीक्षा ‘बी’ और ‘सी’ ग्रुप के पदों के लिए होगी।
इस प्रारंभिक परीक्षा का फायदा यह रहेगी कि इसमें अच्छा स्कोर लेने वाले आवेदक इन्हीं ग्रुप की दूसरी परीक्षाओं के लिए स्वत: ही योग्य बन जाएंगे। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी जो परीक्षा लेगी, उसका परिणाम तीन साल तक मान्य रहेगा। तीन साल तक किसी अभ्यार्थी को उक्त ग्रुप में नौकरी लेने के लिए दोबारा से प्रारंभिक परीक्षा नहीं देनी होगी।