हरियाणा सरकार ने दिव्यांग कोटे के हाई स्कूल हेडमास्टर को पदोन्नति में 3 फ़ीसदी आरक्षण देने के लिए कवायद शुरू कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग पदोन्नति के लिए हेडमास्टर की वरिष्ठता तय करने जा रहा है।
वरिष्ठता तय करने में कोई चूक न हो इसलिए जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, एससीईआरटी गुरुग्राम के निदेशक व डाइट, बाइट के प्राचार्य से दिव्यांग कोटे के हाईस्कूल हेडमास्टर का रिकॉर्ड तलब किया गया है। सभी को 9 जुलाई से पहले शिक्षा निदेशालय को यह जानकारी मुहैया करानी होगी। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक को ईमेल के जरिये डाटा उपलब्ध करवाना होगा।
उसमें बताना होगा कि कितने दिव्यांग हाई स्कूल हेडमास्टर विकलांगता भत्ता ले रहे हैं, इनमें से कितने 1996 के बाद नियुक्त हुए हैं, जब नियुक्त हुए तो दिव्यांग थे या उसके बाद दिव्यांगता का शिकार हुए। उन्हें कितना दिव्यांगता भत्ता मिल रहा है। इसके साथ ही रोहतक पीजीआई वह संबंधित जिले के सीएमओ का प्रमाणित अधोहस्ताक्षरी दिव्यांग का प्रमाण पत्र भी भेजना होगा।
जानकारी नहीं दी तो वरिष्ठता सूची तय कर दी जाएगी
अगर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, डाइट-बाइट के प्राचार्य व एससीईआरटी गुरुग्राम के निदेशक तय डेडलाइन में यह जानकारी शिक्षा निदेशालय को मुहैया नहीं करवाते हैं तो यह समझ लिया जाएगा कि उनके जिले में या अधिकार क्षेत्र में कोई भी दिव्यांग कोटे का हाई स्कूल हेडमास्टर कार्यरत नहीं है।
उसके अनुसार ही पदोन्नति के लिए वरिष्ठता सूची तय कर दी जाएगी। अगर उसके बाद दिव्यांग कोटे के किसी हेड मास्टर का केस सामने आता है तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होगी सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने यह भी चेताया है कि जो भी कर्मचारी अधिकारी डेडलाइन के बाद केस प्रेषित करेगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह देनी होगी जानकारी
सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय को हेडमास्टर का नाम, नियुक्ति कब हुई, कब रिटायर होना है, कितने शिक्षक रिटायर हो चुके हैं, उनका विकलांगता प्रतिशत क्या है, किस श्रेणी के विकलांग हैं, किस वर्ग से हैं। अगर इसके अलावा उनको लेकर कोई टिप्पणी है तो वह भी करनी होगी। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक जे गणेशन ने पत्र के साथ बकायदा इसका प्रोफॉर्मा भी सभी संबंधित अधिकारियों को भेजा है और गंभीरता से यह जानकारी समयबद्ध तरीके से मुहैया करवाने के लिए कहा है।