चंडीगढ़। स्कूल की वेबसाइट बनवाकर उसके पैसे वेबसाइट डेवलपर को नहीं देना एक स्कूल प्रिंसिपल को महंगा पड़ गया। उपभोक्ता फोरम ने स्कूल को सेवा में कोताही का दोषी पाते हुए डेवलपर को पूरे पैसे देने के आदेश दिए हैं। साथ ही 6000 का जुर्माना भी लगाया है।

सेक्टर-52 में रहने वाले विनय कुमार ने पंजाब के होशियारपुर के तहसील दसुआ के एक गांव में स्थित डोगरा पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी। विनय ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने डोगरा पब्लिक स्कूल की वेबसाइट बनाई। इसके लिए उन्होंने 3000 रुपये प्रति पेज के हिसाब से आठ वेब पेज बनाए। इसके एवजमें स्कूल की तरफ से 24000 रुपये की पेमेंट की जानी थी। काम पूरा होने के बाद स्कूल की प्रिंसिपल ने भी संतुष्टि जाहिर की, लेकिन जब शिकायतकर्ता ने पैसों के लिए स्कूल की प्रिंसिपल से संपर्क किया तो वह कतराने लगे। शिकायतकर्ता ने कई बार मैसेज व फोन कर अपने काम के पैसे मांगे लेकिन स्कूल की तरफ से बार-बार बहाना बनाया गया। इसके बाद उन्होंने 20 अगस्त 2019 को एक लीगल नोटिस भी भेजा, उसका भी कोई लाभ नहीं हुआ। इसके बाद ही उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया

फोरम ने जारी किये यह आदेश फोरम ने स्कूल को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया, लेकिन स्कूल की तरफ से कोई भी पेश नहीं हुआ। इसके बाद केस को एकतरफा करार दे दिया गया। सभी दस्तावेजों को देखने के बाद उपभोक्ता फोरम ने पाया कि स्कूल ने सेवा में कोताही बरती है। फोरम ने स्कूल को शिकायतकर्ता के पूरे 24000 रुपये वापस करने के आदेश दिए। साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न झेलने के लिए 2500 रुपये मुआवजा और मुकदमे के खर्च के रूप में 3500 रुपये अदा करने के आदेश दिए। फोरम के इन आदेशों की पालना 30 दिनों के अंदर करनी होगी।

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